Cheel Aur Raja: Lok-Katha (Albania) चील और राजा: अल्बानिया की लोक-कथा


Cheel Aur Raja: Lok-Katha (Albania)
चील और राजा: अल्बानिया की लोक-कथा
बहुत समय पहले एक लड़का था जो अपना पेट भरने के लिए तीर कमान लेकर पहाड़ों में शिकार करने के लिए जाया करता था। एक दिन वह पूरी दोपहर शिकार की तलाश में पहाड़ों में भटकता रहा पर उसे कोई भी जानवर दिखाई नहीं दिया। लड़का उदास हो गया और सोचने लगा कि आज शायद उसे खाना नहीं मिलेगा, तभी अचानक उसे आसमान की ओर से कुछ आवाज सुनाई दी। उसने ऊपर देखा तो पाया कि एक बड़ी सी चील एक सांप को पंजों में दबाये तेज़ी से उडती चली आ रही है। चील ने पंजों में दबे सांप को पहाड़ी में बने अपने घोंसले में छोड़ा और तुरंत नए शिकार की तलाश में निकल गई।

उत्सुकतावश लड़का चील के घोंसले की तरफ बढ़ने लगा। घोंसले के पास पहुँच कर उसने देखा कि वहाँ एक चील का बच्चा बैठा हुआ है और उसके सामने मरा हुआ सांप पड़ा है। चील का बच्चा लड़के को बड़ा प्यारा लगा और वह चुपचाप उसे देखने लगा। अभी लड़का चील के बच्चे को निहार ही रहा था कि तभी सांप के शरीर में हरकत हुई और उसने अपना फन ऊपर उठाया। सांप दरअसल मरा नहीं था। इससे पहले कि सांप चील के बच्चे को काट पाता, लड़के ने फुर्ती से अपना तीर कमान निकाला और एक ही निशाने में सांप को ढेर कर दिया। लड़के ने सोचा कि चूंकि उसने चील के बच्चे की जान बचाई है, इसलिए इस पर अब उसका पूरा अधिकार है। उसने घोंसले के पास जाकर सावधानी से बच्चे को उठाया और अपने घर की ओर चल दिया।
अभी वह घर पहुँच नहीं पाया था कि तभी वह विशाल चील न जाने कहाँ से प्रकट हुई और उसके सिर के ऊपर आसमान में मंडराने लगी।
“तुमने मेरे बच्चे को क्यों उठाया ?” चील ने गुस्से से लड़के से पूछा।
“क्योंकि मैंने इसकी जान बचाई है, तुम जिस सांप को मरा हुआ समझ कर घोंसले में छोड़ गईं थीं दरअसल वो जिंदा था और तुम्हारे बच्चे को काटने वाला था !” लड़के ने चील से कहा।

यह सुनते ही चील का गुस्सा ठंडा पड़ गया। उसने लड़के से विनती करते हुए कहा – “तुम मुझे मेरा बच्चा सौंप दो। बदले में मैं अपनी तीक्ष्ण दृष्टि और शक्तिशाली पंखों से हमेशा तुम्हारी मदद करूंगी !”
लड़के ने चील के बच्चे को छोड़ दिया।

उस दिन के बाद से लड़का और चील अभिन्न मित्र बन गए। अब लड़के को शिकार की तलाश में भटकना नहीं पड़ता था क्योंकि चील आकाश में उड़कर अपनी तेज दृष्टि से शिकार की तलाश करती और लड़के को बता देती। धीरे धीरे लड़का बड़ा हुआ और चील की मदद से अपने इलाके का नामी शिकारी और योद्धा बन गया। उसकी बहादुरी से प्रभावित होकर एक दिन उस राज्य के लोगों ने उसे अपना राजा मान लिया। राजा बनने के बाद उसका नाम श्काईप रखा गया, जिसका अर्थ अल्बानिया की भाषा में होगा है - चील।

श्काईप आगे चल कर बहुत ही योग्य और शक्तिशाली राजा सिद्ध हुआ। चील की मदद से उसने जीवन भर अपने राज्य और लोगों की शत्रुओं से रक्षा की। आज भी आप अल्बानिया के झंडे को देखेंगे तो उसमें चील का चित्र दिखाई देगा जो उस बहादुर राजा और चील की मित्रता का प्रतीक है।




Comments

Popular posts from this blog

Phool Ka Mulya : Rabindranath Tagore (Bangla Story) फूल का मूल्य : रबीन्द्रनाथ टैगोर

Sewa Aur Bhakti: Lok-Katha (Nepal) सेवा और भक्ति नेपाली लोक-कथा

Sher Aur Ladka Munshi Premchand शेर और लड़का मुंशी प्रेमचंद